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टैक्स से राहत: जानिए 5 आय स्रोत जो पूरी तरह टैक्स-फ्री हैं!

टैक्स से राहत: जानिए 5 आय स्रोत जो पूरी तरह टैक्स-फ्री हैं!

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टैक्स से राहत: जानिए 5 आय स्रोत जो पूरी तरह टैक्स-फ्री हैं!

आज के समय में, हर व्यक्ति यह चाहता है कि उनकी कमाई का अधिकतम हिस्सा उनकी जेब में रहे और अनावश्यक टैक्स का बोझ कम हो। बहुत से लोग निवेश, बीमा योजनाएँ, या अन्य वित्तीय साधनों के माध्यम से टैक्स बचाने के उपाय अपनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसी कुछ आय के स्रोत हैं, जिन पर आपको बिल्कुल भी टैक्स नहीं देना पड़ता? इस ब्लॉग पोस्ट में हम चर्चा करेंगे ऐसे पांच कमाई के स्रोतों की, जो पूरी तरह से टैक्स-फ्री हैं। साथ ही, हम व्यक्तिगत अनुभव और व्यावहारिक सुझावों के माध्यम से यह समझने का प्रयास करेंगे कि कैसे आप अपनी आय से टैक्स का बोझ कम कर सकते हैं।

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1. जीवन बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी राशि
विस्तृत विवरण:

जीवन बीमा पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य आपके परिवार को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि यदि आपने सही ढंग से पॉलिसी चुनी है, तो उसकी मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर टैक्स का बोझ नहीं पड़ता।

नोट:-हाल के नियमों में बदलाव के कारण कुछ मामलों में नियमों में थोड़ी सी भिन्नता हो सकती है। विशेषज्ञ से सलाह लेना हमेशा उचित रहेगा।

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2. वसीयत में प्राप्त संपत्ति
विस्तृत विवरण:

वसीयत द्वारा प्राप्त संपत्ति पर भारत में कोई इनहेरिटेंस टैक्स नहीं लगता। इसका मतलब यह है कि यदि आपके प्रियजन अपनी संपत्ति, जैसे कि नकद, आभूषण या कोई अन्य मूल्यवान वस्तु वसीयत द्वारा आपको सौंपते हैं, तो उस पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगता।

3. पार्टनरशिप फर्म से प्राप्त लाभांश
विस्तृत विवरण:

अगर आप किसी पार्टनरशिप फर्म के साथ जुड़े हुए हैं, तो आपको फर्म से मिलने वाला लाभांश टैक्स-फ्री हो सकता है। फर्म अपने मुनाफे पर पहले ही टैक्स चुका चुकी होती है, इसलिए पार्टनरशिप फर्म से लाभांश प्राप्ति पर व्यक्तिगत स्तर पर टैक्स का बोझ नहीं आता।

नोट:-नियमों में समय-समय पर बदलाव होता रहता है, इसलिए विशेषज्ञ से अद्यतन जानकारी जरूर लें।

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4. शेयर और इक्विटी म्यूचुअल फंड से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन
विस्तृत विवरण:

शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए यह एक उत्कृष्ट अवसर हो सकता है। यदि आपने शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश किया है और उन्हें लंबी अवधि (एक वर्ष से अधिक) तक रखकर बेचा है, तो ₹1.25 लाख तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर आपको टैक्स नहीं देना होता।

नोट:-यदि आपकी आय इस सीमा से अधिक हो जाती है, तो उसके ऊपर निर्धारित टैक्स रेट के हिसाब से कर देय होगा।

5. शादी में प्राप्त उपहार
विस्तृत विवरण:

शादी जैसे विशेष अवसर पर प्राप्त उपहार भी टैक्स-फ्री होते हैं। चाहे वह नकद हो, आभूषण हों या अन्य कोई वस्तु, शादी में प्राप्त उपहारों पर टैक्स का बोझ नहीं लगता।

निष्कर्ष

टैक्स प्रबंधन एक महत्वपूर्ण वित्तीय रणनीति है, और उपरोक्त पाँच आय स्रोत आपको टैक्स से राहत देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। चाहे वह जीवन बीमा पॉलिसी की मैच्योरिटी राशि हो, वसीयत में प्राप्त संपत्ति, पार्टनरशिप फर्म का लाभांश, शेयरों से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन या शादी में प्राप्त उपहार – इन सभी का सही तरीके से उपयोग करके आप अपनी कुल आय का अधिकतम हिस्सा अपनी जेब में रख सकते हैं।

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व्यावहारिक सुझाव:

डिस्क्लेमर

यह ब्लॉग पोस्ट केवल सामान्य जानकारी एवं मार्गदर्शन के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी वित्तीय या कानूनी निर्णय से पहले कृपया अपने वित्तीय सलाहकार या योग्य विशेषज्ञ से परामर्श करें।


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