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रोजा रखने और रोजा खोलने की नियत (दुआ) कैसे करें? Ramzan 2025

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रमजान की बरकत
रमजान गाये रोह महीना है जिसमें मुसलमान अल्लाह ताला की राह करते हैं और अपने रब को बेहतर करते हैं। ये माहीना एक गहरी आत्मिक तरीके से पूरा है, जिसमें मुसलमान अिबादत की तरफ करते हैं और रोजा रखते हैं।

रोजा रखने की नियत (सहरी की दुआ)

रोजा रखने के लिए ये दुआ पढ़ी जाती है:

अरबी:
وَبِصَوْمِ غَدٍن نَوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَضَانَ

उर्दू:
“मैं ने रमजान के इस रोजा रखने की नियत की।”

रोमन इंग्लिश:
“Wa bisawmi ghadin nawaitu min shahri Ramadan.”

 

रोजा खोलने की नियत (इफ्तार की दुआ)

रोजा खोलने के लिए ये दुआ पढ़ी जाती है:

अरबी:
اللَهُمَ إِنِّي لَكَ صَمْتُ وَبِكَ آمَنْتُ وَعَلَيْكَ تَوَكَّلْتُ وَعَلَى رِزْقِكَ أَفْطَرْتُ

उर्दू:
“अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुम्तु वा बिका आमन्तु वा अलायक तवक्कल्तु वा अला रिज्किक अफ्तार्तु।”

रोमन इंग्लिश:
“Allahumma inni laka sumtu wa bika aamantu wa ‘alayka tawakkaltu wa ‘ala rizqika aftartu.”

निष्ठान:
अगर आप रोजान के बारे और जानकारी जानका चाहते हैं, तो हमसे कमेंट करें! रमजान मुबारक बरकतार हो! आमीन! ✨


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